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क्यों बढ़ा रहा है VPF मे लोग अपना कंट्रोब्यूशन जानिए क्या है VPF कैसे है ज्यादा फायदेमंद

VPF एक रेगुलर प्रोविडेंट फण्ड प्लान जैसा है है जिसमे आप PF का कंट्रोब्यूशन डालकर उसमे अच्छी ब्याजदर से आप निवेश से कर सकते है। इसकी अच्छी ब्याजदर के कारन लोगो मे ज्यादा लोकप्रिय है। आप इसमे आपके बेसिक सैलरी के १०० फीसदी हिस्सा भी निवेश कर सकते है। लेकिन ये सिर्फ संघटित क्षेत्र मे काम करने वाले लोगो के लिए बनाई गयी है।



    VPF की विशेष बातें :


    • आपके EPF खाते मे आपके एम्प्लायर के तरफ से आपके बेसिक सैलरी के १२ फीसदी तक का कंट्रोब्यूशन ऐड किया जाता है लेकिन VPF मे आप १०० फीसदी से तक का कंट्रोब्यूशन ऐड कर सकते। 
    • EPF और VPF एक ही तरह के खाते से लिंक होते है इसके लिए आपके पास EPF खाता होना जरुरी। 
    • VPF योजना सिर्फ संघटित क्षेत्र मे काम करने वाले सैलरी कर्मचारी ले सकते है जिनका PF काटता है। 
    • VPF निवेश पूरी तरह ऐच्छिक है अगर आप आपका EPF पर संतुष्ट है तो आपको VPF का विकल्प लेने की कोई जरुरत नहीं है। 
    • VPF अगर आप एक बार पैसे निवेश करते है तो  ५ साल बाद निकल सकते है। 
    • आप VPF मे कंट्रोब्यूशन ऐड करने की शुरवात कभी भी कर सकते है। लेकिन साल के शुरवात से करने पर आप टैक्स बचा सकते है। 
    • जब आपको VPF निवेश शुरू करना है आप आपके एम्प्लायर कंपनी के पास फॉर्म भरकर शुरू कर सकते है। 
    • VPF मे मिलेवाला ब्याज दर हर साल बदलता है और सरकार की तरफ से हर आर्थिक मे ब्याज दर को अपग्रेड किया जाता है। अभी का ब्याज दर ८.५ फीसदी है। 
    • आप ५ साल पहले अंशित तथा पूरा VPF निकल सकते है लेकिन इसपर आपको टैक्स छूट नहीं मिलती है। 
    • EPFO मे जैसे आपके मृत्यु पश्चात राशि नॉमिनी को दी जाती ठीक वैसे ही VPF मे भी नॉमिनी की जरुरत पड़ती है। 

    VPF के फायदे :

    • अगर आप VPF को एक निवेश के तौर पर देख रहे है तो VPF एक सबसे सुरक्षित है। 
    • सालाना १ लाख ५० हजार तक की VPF पर सेक्शन 80c के अनुसार टैक्स मे छूट मिलती है। 
    • आपको  निवेश की राशि अलग से लगनी नहीं पड़ती आपके सैलरी से १२ फीसदी से ज्यादा की राशि खुद ही VPF खाते मे जमा हो जाती है। 
    • आपको इसमे सबसे ज्यादा ८. ५० फीसदी का ब्याज मिलता है। 
    • VPF बाकि अन्य विकल्प से एक अच्छा रिटायरमेंट सेविंग विकल्प है। 
    • जैसे जॉब बदलने के बाद आप EPFO को ट्रांसफर कर सकते है वैसे ही आप VPF का खाता भी ट्रांसफर कर सकते है। 
    • अगर आप जॉब छोड़ रहे है तो ऐसे वक़्त आप VPF की राशि निकल सकते है। 
    • इसमे आपको ५ साल का मचोरिटी समय होता है मतलब आप ५ साल बाद राशि निकल सकते है। 
    • आसान VPF खाता रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आपको सिर्फ कंपनी के जरिये VPF खाता फॉर्म भरना पड़ता है। 
    • आप आपके बेसिक सैलरी से १२ से १०० फीसदी तक कितना भी कंट्रोब्यूशन ऐड कर सकते है। 


    VPF खाता चालू करने की प्रक्रिया :

    • VPF खाता चालू करने के लिए एम्प्लायर को एक फॉर्म भरकर देना होता है जिसमे VPF खाता एक्टिवेशन और बेसिक सैलरी से डिडक्शन बढ़ाने के लिए लिखना होगा। 
    • इस VPF फॉर्म पर आपको आपका नाम और सैलरी से जितनी राशि VPF खाते मे जमा करनी है उसकी जानकारी भी लिखनी है। 
    •  उसके बाद एम्प्लायर आपकी रिक्वेस्ट स्वीकार करके EPFO को इस बात  की जानकारि देगी। 
    • उसके बाद आपको जितनी राशि VPF मे जमा करनी है उतनी राशि हर महीने आपके सैलरी से कट कर दी जाएगी और VPF खाते मे जमा कर दी जाएगी। 
    • आप आपके सैलरी स्लिप पर इसकी जानकारी देख सकते है तथा आप EPFO पासबुक पर भी देख सकते है। 

    VPF खाता चालू करने के लिए जरुरी दस्तावेज :

    • आप जहा काम कर रहे है उस कंपनी की जानकारी। 
    • व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 
    • कंपनी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 
    • मेमोरेंडम ऑफ़ आर्टिकल्स ,आर्टिकल्स ऑफ़ एसोसिएशन 

    VPF से पैसे निकलने की प्रक्रिया :

    • जिस तरह आप PF खाते से आपकी किसी समस्या के लिए पैसे निकल सकते है ठीक उसी प्रकार VPF से भी पैसे निकल सकते है। 
    • आप एडवांस फॉर्म ३१ भरकर VPF खाते से पैसे निकल सकते है। 
    • आप ऑफलाइन ऑनलाइन दोनों तरह से फॉर्म ३१ भर सकते है। 
    • सीधी भाषा मे आप EPFO जैसी ही VPF के पैसे निकल सकते है। 

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