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Assets और Liabilites क्या होते है याह जाणे पुरी जाणकारी

Assets And Liabilities Meaning In Hindi शेयर बाजार का निवेश हो  या किसी भी छोटे कारोबार का Assets And Liabilities हर जगह होती है और उतनी ही महत्वपूर्ण होती है अगर आप किसी भी कंपनी मे निवेश करने जा रहे है तो सबसे पहले आप उस कंपनी की बैलेंस शीट देखते है जिसमे कारोबार की कुल प्रॉपर्टी और देनदारी होती है ये दोनों चीजे कारोबार के आर्थिक स्तिथि को दर्शाती है  इस लिए इन दोनों के बारे मे विस्तार से जानना काफी जरुरी होगा 


Assets और  Liabilities क्या होते है ?(Assets And Liabilities Meaning In Hindi)

  • किसी भी कारोबार मे Asset उसके कुल प्रॉपर्टी कुल सम्पति को दर्शाती है। 
  • वही Liabilities  कंपनी ने लिए गए लोन और कुल देनेदरी को दर्शाते है। 
  • Assetsऔर  Liabilities दोनी को कंपनी के आर्थिक स्टेटमेंट मे बैलेंस शीट मे दिखाया जाता है जो आर्थिक हालत की जानकारी देते है। 

Assets के अंदर आने वाली बातें :

  • एसेट मतलब आदमी या फिर कम्पनी की प्रॉपर्टी उसके मलकाना हक़ वाली चीजे 
  • कंपनी के एसेट मे सबसे पहले ऐसी चीजे आती है लम्बे समय तक कम्पनी के पास होती है और प्रॉफिट निकल कर देती है जैसे की कम्पनी की जमीन ,मशीनरी ,सोना ,लम्बे समय का निवेश आदि कम्पनी की फिक्स्ड एसेट होती है। 
  • इसी कंपनी के पास Goodwil जैसी एसेट होती है जो  लम्बे समय के अच्छे अच्छे कारोबार के बाद मिलती
  • ऐसे एसेट के आलावा कम्पनी के पास  ऐसी एसेट होती है जो की सिर्फ उस आर्थिक साल तक ही सिमित होती है उस समय के बाद उसका मूल्य शुन्य होता है। 
  • इसमे कम्पनी के पास होने वाली कैग लिक्विड एसेट ,स्टॉक इन्वेंटरी जैसे एसेट का समावेश होता है। 

Liabilities के अंदर आनेवाली चीजे :

  • Liabilities कम्पनी के ऊपर होने वाली देनदारी होती है जिसे कम्पनी को वापिस करना होता है। 
  • इसमे भी छोटे समय और लम्बे समय दो तरह के देनदारियां होती है। 
  • 1 साल के लिए लिया गया लोन ,डिविडेंड कंपनी की छोटे समय के देनदारी होती है। 
  • इसी समय होम लोन जैसे लम्बे समय के लोन ,टैक्स ,कर्मचीरिवो की सैलरी आदि कम्पनी के लम्बे समय के Liabilities मे आती है 

कितना है महत्व :

  • किसी भी कंपनी का आर्थिक हालत जानने के लिए उसके बैलेंस शीट मे Assets और  Liabilities को देखा जाता है। 
  • कंपनी के पास जितनी ज्यादा एसेट उनकी कंपनी अच्छी मानी जाती है वही देनदारी ज्यादा होता अच्छा नहीं माना जाता है। 
  • शेयर बाजार मे निवेश करते समय भी निवेशक को इन दोनों बातो पर ध्यान देना पड़ता है निवेश मे अच्छी रिटर्न देने के ल;लिए जरुरी होते है

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