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अगर आप भी करते है म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश तो आपके लिए बड़ी खबर SEBI ने म्यूच्यूअल फण्ड के इन 7 नियमो मे किया है बदलाव

मुंबई:निवेशकको के हितो को देखते हुए SEBI म्यूच्यूअल फण्ड के नियमो मे कुछ अहम् बदलाव किये है। इसका प्रमुख कारन म्यूच्यूअल फण्ड के डेब्ट फण्ड सेगमेंट मे गिरावट रहा है। इसी समय इसी सेगमेंट मे कोरोना महामारी के बाद कुछ गलत खबरे लोगो मे फैल रही थी इसी समय फ्रैंजक्लिं टेम्पलटन की 4 डेब्ट स्कीम भी पेमेंट इशू के कारन अचानक बंद हुई थी और अब तक उसमे अटके पैसे लोगो को मिल नहीं पाए है इसी कारन म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के बारे मे लोगो के मन मे डर बढ़ रहा था इस डर और रिस्क को कम करने के ;लिए SEBI म्यूच्यूअल फण्ड के नियमो मे कुछ बदलाब किये है। कोरोना महामारी और लॉक डाउन के समय नकदी की कमी से बाजार मे काफी हलचन थी। 




म्यूच्यूअल फण्ड के नियमो मे SEBI ने किये ये नए बदलाव 

1.मल्टी कैप म्यूच्यूअल फण्ड एसेट अलोकेशन नियमो मे बदलाव :

  • SEBI ने मल्टी कैप म्यूच्यूअल फण्ड के एसेट अलोकेशन के नियमो मे बदलाव किया है यह नए नियम जनवरी २०२१ से लागु हो जायेंगे। 
  • अब नए नियम के अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी मे निवेश करना अनिवार्य होगा  (इससे पहले वह 65 फीसदी तक था )
  • इस 75 फीसदी निवेश मे 25 फीसदी मिड कैप 25 फीसदी लार्ज कैप और बाकि 25 फीसदी स्माल कैप मे निवेश करना अनिवार्य होगा। (इससे पहले किस फण्ड मे कितना पैसा लगाना है फण्ड मैनेजर चुनते थे )

2  नए रिस्क कैटगरी का नियम :

  • निवेशकको को म्यूच्यूअल फण्ड मे रिस्क की जानकारी देने के ;लिए SEBI ने नए Very High Risk कटगरी की शुरवात की है। 
  • निवेशकको को म्यूच्यूअल फण्ड मे पैसा लगते वक़्त जोखिम की जानकारी देने के लिइ इस नए कैटगरी की शुरवात की गयी है। 
  • इसी समय अब हर म्यूच्यूअल फण्ड की जानकारी दिखते समय रिस्क वो मिटेर मे 5 के बदले 6 संकेत दिखेउ देंगे। 
  • SEBI के नए नियम के मुताबिक अब पहला संकेत लौ ,दयसरा मिडेटरी लो ,तीसरा मॉडरेट ,चौथा मॉडरेट हाई ,पांचवा हाई ,और अब छठा वैरी हाई भी शामिल होगा। 

3 फण्ड मैनेजर और डीलर मे पारदर्शी व्यव्हार :

  • SEBI के नए नियम के मुताबिक फण्ड मैनेजर और डीलर को बाजार समय के दौरान ही और रेजिस्ट्रेड तरीके से कगी बातचीत करनी होगी जो की पूरी तरह से पारदर्शी होगी। 
  • फण्ड मैनेजर फण्ड के मैनेजमेंट के मामले मे किसी भी तरह का प्रलोभन नहीं स्वीकार कर सकते है। 

4 NCD निवेश का नियम :

  • NCD मतलब नॉन कन्वर्टबल डिबेंचर अब म्यूच्यूअल फण्ड भी इसमे निवेश कर सकते है। 
  • म्यूच्यूअल फण्ड की स्कीम मे डेट पीर्टोफोलिओ के अधिकतम 10 फीसदी तक NCD निवेश किया जा सकता है। 

5 इंटर स्कीम ट्रांसफर का नियम :

  • SEBI ने निवेशकको को हित को और बेहतर बनाने के पलिये इंटर स्कीम ट्रांसफर के नियम को और कड़ा किया है। 
  • SEBI के नए नियम जो की 1 जनवरी 2021 से लागू होंगे इसमे फण्ड हाउस की और से लिक्विडिटी बढ़ने और और खत्म करने के बाद ही इंटर स्कीम ट्रांसफर किया जा सकता है। 

6 फण्ड मैनेजर को देना होगा खरीद बिक्री का लिखित रिकॉर्ड :

  • फण्ड मैनेजर और डीलर्स को SEBI के नियम और अचार सहिंता का पालन करना अनिवार्य है अगर इसमे ढील होती है तो फण्ड हाउस के CEO पर इसकी जिम्मेदारी होगी। 
  • फण्ड मैनेजर को सिक्योरिटीज मे खरीद और बिक्री की सभी जानकारी लिखित रिकॉर्ड के स्वरुप मे रखना होगा। 
  • अंचार सहित का पालन किया है इसकी जानकारी देने के लिए फण्ड मैनेजर और डीलर्स को हर 3 महीने मे 1 बार सेल्फ सर्टिफिकेशन देना होगा। 

7 लिक्विड फण्ड के नए नियम :

  • SEBI ने लिक्विड फण्ड के नियमों मे भी कुछ बदलाव किये है। 
  • SEBI ने कॉर्पोरेट्स को कम अवधि के लिए लिक्विड फण्ड का उपयोग करके पैसा जमा करने से टोकने के लिए नियमो मे यह बदलाव किये है। 
  • लिक्विड फण्ड को अपने पोर्टफोलिओ मे कम से कम 20 फीसदी तक का हिस्सा लिक्विड एसेट मे निवेश करना अनिवार्य  है। 
  • लिक्विड एसेट मतलब सरकारी बांड ,कॅश ,टी बिल आदि। 

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